टूटा दिल
अभी अभी टूटा है दिल
मैं सब्र की तलाश में हूं।
चलते चलते ढल गया दिन
मैं फज्र की तलाश में हूं।
राब्ता नहीं चाहते अब वो
मैं हिज़्र की तलाश में हूं।
राह भटके हुए लगते हैं
मैं खिज्र की तलाश में हूं।
साया भी थका हुआ है
मैं शज़र की तलाश में हूं।
© Roshan ara
मैं सब्र की तलाश में हूं।
चलते चलते ढल गया दिन
मैं फज्र की तलाश में हूं।
राब्ता नहीं चाहते अब वो
मैं हिज़्र की तलाश में हूं।
राह भटके हुए लगते हैं
मैं खिज्र की तलाश में हूं।
साया भी थका हुआ है
मैं शज़र की तलाश में हूं।
© Roshan ara