तेरे लिए
उफ्फ ये दूरी और ये दिसम्बर की रातें
कानों में चुभती है बिन कही बातें
हल्का सा झोंका भी याद तुम्हारी ले आता...
कानों में चुभती है बिन कही बातें
हल्का सा झोंका भी याद तुम्हारी ले आता...