एक बार मिलो तुम
#लालसा_की_प्रतिध्वनि
कुछ कुछ
अधूरी सी हूं..!
कई हिस्सों में बिखरी पड़ी हूं..!
अकेलापन, अधूरापन और मेरा खालीपन
सबकुछ ही तो है...!
मै भीतर ही भीतर
सिसक रही हूं...!
मेरी रूह भी
जिस्म में तड़प रही है...!
मै चाहती हूं
एक...
कुछ कुछ
अधूरी सी हूं..!
कई हिस्सों में बिखरी पड़ी हूं..!
अकेलापन, अधूरापन और मेरा खालीपन
सबकुछ ही तो है...!
मै भीतर ही भीतर
सिसक रही हूं...!
मेरी रूह भी
जिस्म में तड़प रही है...!
मै चाहती हूं
एक...