आजकल यह क्या हो रहा है ?🙄🤯😔🔥
जलने लगा है हर एक चिता।
क्रोध की आग में,
बेवजह!
नाच रहा है काँटों पर हर एक रिश्ता
“में” की ताल में.....
लावारिस बने बैठे
खुद के द्वार पे,
झूठ भी आसानी से सच लगे
जैसे समंदर स्थित रेगिस्तान में.....
खुल ना पाए “पड़े हर एक गांठ”
लिपटे हुए स्वार्थ से भरे जनेउ में,
भरे बाजार में भी...
क्रोध की आग में,
बेवजह!
नाच रहा है काँटों पर हर एक रिश्ता
“में” की ताल में.....
लावारिस बने बैठे
खुद के द्वार पे,
झूठ भी आसानी से सच लगे
जैसे समंदर स्थित रेगिस्तान में.....
खुल ना पाए “पड़े हर एक गांठ”
लिपटे हुए स्वार्थ से भरे जनेउ में,
भरे बाजार में भी...