...

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कर्म है
हंसना भी कर्म है
हंसाना भी कर्म है

दुखों से निकला
और निकालना भी कर्म है

रोना भी कर्म है
रुलाना भी कर्म है

पढ़ना भी कर्म है
पढ़ाना भी कर्म है

हर वह क्रिया कर्म है
जो हम प्रस्तुत करते है

कर्म तो कर्म है
बुरा हो तो भी
अच्छा हो तो भी

कर्म का फल मिलता
जरूर है ।

- tj dhruw