खुदा हे भेजते कुछ फ़रिश्ते ।
ठुटे हुए सपनों को जोड़ने,
रुठे हुए ख़्वाबों को मनाने,
कुछ ग़मो को साथ सहने ,
कहते है खुदा भेजते है कुछ फ़रिश्ते ।
एक नई उम्मीद देने, कुछ पुरानी उम्मीदों को तोड़ने,
वक़त के मुश्किल गड़ी में कुछ ख़ुशी के पल दे जाने,
दर और दर्द के कारण निंद न अाने पर,
कुछ घंटों को सकून से सुलाने,
कहते है खुदा हे भेजते कुछ फ़रिश्ते ।
हमको एक साहारा देने,
कुछ नई आशाएँ देने,
ज़िन्दगी में न देखे कुछ अलग से रंग दिखाने,
हर शन को ख़ुशी से भरने ।
कहते है खुदा भेजते है कुछ फ़रिश्ते ।
कहते है खुदा भेजते है कुछ फ़रिश्ते ।
कुछ फ़रिश्ते,कुछ फ़रिश्ते....................।
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