...

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#सांझ

सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है
दोपहर कल के लिए निकला है
अब उठो तुम है इंतजार किसका
तुम्हारे अपनों ने जो दर्द सहा है
खामोशी की बुनियाते हैं
जो...