...

15 views

चन्द अशआर ~


ज़िन्दगी पुर-वक़ार है अब भी।
इसके खंजर में धार है अब भी।

ज़ीस्त का कारवां गुज़र तो गया,
उसका गर्द ओ ग़ुबार है अब भी।

इसकी फ़ितरत में ही आवारगी है,
दिल ये बे -इख़्तियार...