...

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सैनिक

सूर्य करेगा अगवानी फ़िर चाँद नज़र उतारेगा
हर बालक देश की रक्षा हेतु देखो अब हुंकारेगा
सर पर होगा कफ़न हमारे हाथ कलावा धारेगा
एक-एक हिंदुस्तानी सौ-सौ दुश्मन को मारेगा
घी-दीपक से करो आरती रोली लाल ललाट धरो
अपने बच्चों को सरहद के लिए आप तैयार करो
दुश्मन सैनिक का कलेजा मोम सरीखा पिघलेगा
जब भारत के घर-घर से एक-एक सैनिक निकलेगा
भारत की अस्मत से कोई दुश्मन कैसे खेलेगा
कोशिश भी गर कर ले तो फिर हाथ जान से धो लेगा
जान हथेली पर रखकर तुम सरहद पर लड़ने जाओ
ले लो जान दुश्मनों के या जान न्योछावड़ कर आओ
हो जाओ तैयार चाहते भारत का उत्थान अगर
सरहद पर मर मिटनेवाला हो जाता है अजर अमर
© Kaushal