प्रेम- पत्र
#WritcoPoemPrompt53
देख लेती है वो आईना
और मुस्कुराती है
ढूंढती है खुद को
अक्स,प्रियतम का पाती है
शर्माती है खुद से,
खुद पर ही इतराती है
वो लिखता नहीं
कोई प्रेम पत्र
वो हर रोज़ पढ़ती जाती है
© dilserearchu
देख लेती है वो आईना
और मुस्कुराती है
ढूंढती है खुद को
अक्स,प्रियतम का पाती है
शर्माती है खुद से,
खुद पर ही इतराती है
वो लिखता नहीं
कोई प्रेम पत्र
वो हर रोज़ पढ़ती जाती है
© dilserearchu
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