...

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आखिर कितना ........
ना जाने कितने कागज गीले हुए
ना जाने कितने स्याही फीके हुए
ना जाने कितने पतझड़ आए
ना जाने कितने नौका डूब गए,

ना जाने कितनी रातें खामोश हुई
ना जाने कितनी बातें बीत गई
ना जाने कितनी सांसें टूट गई
ना जाने कितनी आसे रूठ गई,

हिम्मत हार गई साहस सारी
बिखर कर रह गई आहट सारी
छोड़ा नहीं है फिर भी उसको
क्योंकि
जीवित रखने है आफत सारी।


© Annu Rani💦