...

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शतरंज
#lifechess#life
शतरंज की जिस बिसात
पर आज बैठी मुस्कुरा रही हूं
तुम इस पर चाल चलते
खेलते , सोचते ,समझते
इस बचपन को खो न देना कहीं

जिस दिन समझ जाओगे
कि ना हार तय है
ना ही जीत का कोई ठिकाना
मेरी तरह इक दिन
यूं ही
तुम भी बैठे
मुस्कुरा रहे होगे