...

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अनकही बातें
तुम वो बारिश की तरह हो , जो मुझे इतनी प्रिय है,
तुम वो चांद तो नही पर, तुम वो चांदनी रात की तरह हो,
जो मुझे इस अंधेरी रात में प्रकाश देती हो
शायद बोहोत बया ना किया हो मेने तुमसे इन लब्ज़ो में मेने,
की कितना तुमसे में मोहब्बत करती हुं,
बस तुम युही मेरे लिए वो पहले बारिश की तरह रहना जो मेरे लिए सुकून, खुशी का आलम है,
मेरी आंखों के आईने से कभी खुद को देखो, तब तुम्हे अंदाजा आएगा की कितने बेइंतहा खूबसूरत हो तुम।।
- अनकही बातें
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