जज़्बा
कुछ तो लड़ ये जिंदगी तू ज़माने से,
यूं ना सर झुका मौत के आगे,
ओ तो एक दिन सभी को आनी है।
अरे वीर तो तब कहलाओगे,
जब लड़ते हुए कुर्बान हो तेरी जवानी ये।।
अरे ईन्सान बन कर जन्मा है तू,
तो तकलीफ भी तेरे संग आनी है।
जिसको ना हो हिम्मत लड़ने की,
ओ खुन नहीं, ज़िस्म में उसके पानी है।।
ऐसे ही ना बनता भगवान पत्थर भी,
कई घाव बरस मूर्ति उसकी संवारी है।
अवतार होकर भी बनवास चले गये राम जी,
तभी तो हर जुबां पर उनकी कहानी है।।
- शिवाजी
यूं ना सर झुका मौत के आगे,
ओ तो एक दिन सभी को आनी है।
अरे वीर तो तब कहलाओगे,
जब लड़ते हुए कुर्बान हो तेरी जवानी ये।।
अरे ईन्सान बन कर जन्मा है तू,
तो तकलीफ भी तेरे संग आनी है।
जिसको ना हो हिम्मत लड़ने की,
ओ खुन नहीं, ज़िस्म में उसके पानी है।।
ऐसे ही ना बनता भगवान पत्थर भी,
कई घाव बरस मूर्ति उसकी संवारी है।
अवतार होकर भी बनवास चले गये राम जी,
तभी तो हर जुबां पर उनकी कहानी है।।
- शिवाजी