...

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पहचान
आज बैठा हुँ फुर्सत में जिंदगी,
आ इक मुलाकात करते हैं,
क्या मिला, क्या खोया उसकी बात करते हैं,
अक्सर शिकायत रही मुझे भी,
कभी तुमसे मिलने का वक्त न मिला,
बस भागता रहा जरूरतों की दौड़ में,
कभी ढलती शाम का वो सुकून न मिला,
आज लंबी रात है तन्हा भी हुँ,
आ जिंदगी कुछ बात करते हैं.
#WritcoPoemPrompt45
Write a poem been inspired by a project or task be completed – whether it’s crossing something off the never-ending to-do list, or a project you have worked on for a long time.
© abhay chaturvedi