...

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जज़्बात
जिनसे दिन शुरू होता था, रात ख़त्म होती थी।
आज वो व्यस्त बहुत है।

Chat करने की कहूँ तो पसंद नहीं है,
call की कहूँ तो वक्त नहीं है,
क्या इश्क़ में उनका ये क़ानून सख़्त नहीं है?

वो घंटों बात करने वाला ,
दो पल भी भीख में देता है।।
और सारी दुनिया का ज्ञान ,
मुझे सीख़ में देता है।।

तोड़कर गया है वो मुझे अंदर से,
पर बाहर शोर नहीं है,
उसे यूँ बदला हुआ देखकर ,
कैसे मान लूँ की उसकी ज़िंदगी में कोई और नहीं है।।
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