कहानी
हमारी दर्द भरी कहानी
लिखने बैठे, आलम कुछ यूं होगया के
बेचारा कलम रोने लगा, कागज उसके
आंसू के धार से भीग ने लगे,
हम क्या लिखते और,
कलम को देख खुद रो पड़े
पर ये भी मंजूर नहीं था
बस .....
© Dr. Jyoti Prakash Rath
लिखने बैठे, आलम कुछ यूं होगया के
बेचारा कलम रोने लगा, कागज उसके
आंसू के धार से भीग ने लगे,
हम क्या लिखते और,
कलम को देख खुद रो पड़े
पर ये भी मंजूर नहीं था
बस .....
© Dr. Jyoti Prakash Rath
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