चुप्पी
चुप्पी थी होठों पे
जब हज़ारों इल्जाम लगाए गए
भरी महफ़िल में
हम बुरे पाए गए
लेकिन वक्त की पंचायत में
सभी अजमाए गए
उन्हें लगा दोषी बना हमें अकेले छोड़ देंगे ...
जब हज़ारों इल्जाम लगाए गए
भरी महफ़िल में
हम बुरे पाए गए
लेकिन वक्त की पंचायत में
सभी अजमाए गए
उन्हें लगा दोषी बना हमें अकेले छोड़ देंगे ...