...

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शापित रिश्ते

कई बार मुझे लगा की
शापित हैं हम

हमारा मिलना
किसी वरदान जैसा था

पर
एक होना मुमकिन नहीं था

वो जो
अलग दिखते हैं
पर एक से होते हैं

वो अक्सर शापित होते हैं
किसी शाम के जैसे

शामें
नहीं रख पाती
ढलते सूरज को
और
शीतल चांद को
एक साथ

वैसे ही
हम नहीं रख पाए
इस दुनियां
के दो सबसे
खूबसूरत रिश्ते को
अपनी जिंदगी में एक साथ

जब
चुनाव
करना हो
परिवार
और प्यार में
तो
कुछ प्रेमी जोड़े
नहीं हो पाते
स्वार्थी

कभी कभी लगता है
की थोड़ा तो
स्वार्थी
होना चाहिए था
तुम्हे और
मुझे भी
इन सितारों के जैसे

कितना सहज होता
अपने अंधकार को दूर करना
अगर चुरा पाते हम
किसी और के आंखों का नूर

06.08.23
©प्रिया सिंह

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