"बँधे मैं और तुम"
बँधे मैं और तुम जिसमें,
जिम्मेदारियों का जो जाल है..!
ख़ुदा बख़्शता उन्हें ही,
क़ाबिल जो कमाल हैं..!
सूझ बूझ से ज़िन्दगी चलाना,
रखना अपनों का...
जिम्मेदारियों का जो जाल है..!
ख़ुदा बख़्शता उन्हें ही,
क़ाबिल जो कमाल हैं..!
सूझ बूझ से ज़िन्दगी चलाना,
रखना अपनों का...