...

9 views

बाखबर पूरी तरहा तू भी नही, तो सोचले,सवाल पूछोगे तो पलटकर फिर सवाल आयेगा
बाखबर पूरी तरहा तू भी नही, तो सोचले,
सवाल पूछोगे तो पलटकर फिर सवाल आयेगा

सफाहत क्या हीं करता हैं दिलं-ए-नादां, फझूल हैं सब
गैरत से पूछोगे फिर भी इलजाम आयेगा

महंगाई,बेरोजगारी, सयासी म'इशत पें क्या बोलें
वाक़िफ़‌‌‌‌-ए-हाल सबको हैं, पूछकर क्याहीं बवाल लायेगा

तशद्दुद से ऐतराज हैं तो अम्न-ए -पैगाम रख दिलं में
वतन परस्तो में तब शायद तेरा भी नाम आयेगा

© 🖋️दिलं-ए-जज्बात