...

1 views

ख्वाहिशों का मेला
हर तरफ देखता यहां सब धुंधला धुंधला है
क्योंकि...हर रोज मुझे यहां दिखता ख्वाहिशों का मेला है

कभी कुछ चाहिए तो कभी कुछ चाहिए
मुझे सब कुछ चाहिए मुझे सब कुछ चाहिए
मुझे तो बस पूरी दुनिया को जीतना है
इसी सबका होता यहां पर बोलबाला है
क्योंकि...हर रोज मुझे यहां दिखता ख्वाहिशों का मेला है

अगर किसी के पास गाड़ी है
तो मेरे पास भी होनी ही चाहिए
अगर किसी के पास आलीशान बंगला है
तो वो मेरे पास भी होना ही चाहिए
इसी बात का सभी का यहां पर रोना है
क्योंकि...हर रोज मुझे यहां दिखता ख्वाहिशों का मेला है

पैसो के पीछे सब भाग रहे
या फिर पैसे तुम्हें भगा रहे
दो पल के लिए रुक कर ठहर जा और सोच जरा
मुझे तो बस इसी बात को तुम्हें यहां पर समझाना है
क्योंकि...हर रोज मुझे यहां दिखता ख्वाहिशों का मेला है

चाहे जो भी कर लो
किसी का गला ही काट लो
किसी के सपने और मेहनत को ही मार दो
फिर भी...तुम्हें लोगों को गिरा कर आगे बढ़ना ही है
इसी बात का तो यहां पर लंबी पतंग का ढेरा है
क्योंकि...हर रोज मुझे यहां दिखता ख्वाहिशों का मेला है

कभी सोने के पीछे तो कभी सोने के लिए
पूरी पूरी रात यहां सब को जगना है
इसी बात से सब लोग यहां हैरान है, थोड़ा परेशान है
क्योंकि...हर रोज मुझे यहां दिखता ख्वाहिशों का मेला है

दौड़ लो जितना दौड़ना है
भाग लो जितना भागना है
पर अंत में तो एक दिन इसी मिट्टी में ही मिल जाना है
फिर भी...मुझे यहां हर रोज दिखता नई-नई ख्वाहिशों का मेला है

ख्वाहिशें अनंत है
फिर भी होता हमें घमंड है
पर अनंत और घमंड के अलावा भी यहां बहुत बड़ा प्रपंच है
किसी बात को तो तुम्हें यहां समझाना है
क्योंकि...मुझे यहां दिखता ख्वाहिशों का मेला है

कुछ लोग धूल में जी रहे
तो कुछ धूल बन उड़ रहे हैं
पर आखिर में तो इसी धूल से होकर हमें यहां गुजर जाना है
फिर भी...मुझे हर रोज यहां दिखता ख्वाहिशों का मेला है

© Jepin Tank

@JepinTank

#writcoapp #writer #poetrycommunity #poemoftheday #lifephilosophy