पंखुड़ी इक गुलाब की हो तुम
पंखुड़ी इक गुलाब की हो तुम
इक नशा जाँ शराब की हो तुम
बिन तुम्हारे नहीं जलवा कोई
रूह सच में शबाब की हो तुम
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इक नशा जाँ शराब की हो तुम
बिन तुम्हारे नहीं जलवा कोई
रूह सच में शबाब की हो तुम
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