इश्क़
इतने करीब थे हम अपने रकीब हो गए
वो बिछड़े हमसे, तो दुनिया के गरीब हो गए
चाँद भी तरस रहा चांदनी के नूर को
सहरा उमड़ गए,दरिया बिफर गए
तेरे आरजू पे चले, थे...
वो बिछड़े हमसे, तो दुनिया के गरीब हो गए
चाँद भी तरस रहा चांदनी के नूर को
सहरा उमड़ गए,दरिया बिफर गए
तेरे आरजू पे चले, थे...