"एक अनजान शख़्स"
"एक अनजान शख़्स"
कल कुछ अलग रात हुई,
एक अनजान शख़्स से बात हुई।
न जान थी,
न पहचान थी।
फिर भी बाते किये जा रहा था,
रातों में रातें किये जा रहा था।
रूख़ पर जो मासूमियत थी,
उसकी भी एक अहमियत थी।
मुझे उस शख़्स में
अच्छी आदत नज़र आ रही थी,
मुझे उसकी बातों में
मोहब्बत नज़र आ रही थी।
एक अनजान शख़्स था......
सबसे जुदा सा था वो,
अपनी तरह सा था वो।
वो बहुत अलग कर रहा था सवालात,
हम भी बहुत अलग दे रहे थे जवाबात।
न मेरा नाम...
कल कुछ अलग रात हुई,
एक अनजान शख़्स से बात हुई।
न जान थी,
न पहचान थी।
फिर भी बाते किये जा रहा था,
रातों में रातें किये जा रहा था।
रूख़ पर जो मासूमियत थी,
उसकी भी एक अहमियत थी।
मुझे उस शख़्स में
अच्छी आदत नज़र आ रही थी,
मुझे उसकी बातों में
मोहब्बत नज़र आ रही थी।
एक अनजान शख़्स था......
सबसे जुदा सा था वो,
अपनी तरह सा था वो।
वो बहुत अलग कर रहा था सवालात,
हम भी बहुत अलग दे रहे थे जवाबात।
न मेरा नाम...