...

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आपसे प्यार।
कभी तुम मेरी रातों में खो के देखना।
किसी दिन मिले फुर्सत तुम मेरा होके देखना।

कितनी बेकरार हैं ये सांसें मेरी
महकी महकी सी मेरी इन सांसों से पूछना।

किस कदर पागल पागल से हैं।
हम आपके प्यार में।
कभी मेरी धड़कती धड़कनों को गौर से सुनना।

कहो तो उमर दराज का वादा कर लूं।
पर तुम मेरा होने से पहले खुद से तो पूछ लेना।

क्या तुम हो पाओगे सदा के लिए मेरे।
जरा इतना सा तो खुद पर ऐतबार कर के देखना।

कितनी तमन्ना लिए बैचेनी में रहता हूं।
कभी तुम मेरे रूबरू होके तो देखना।

इन आंखों में भी अजब सी कसक रहती हैं।
तुम्हे हर पल हर दिन देखने की।
तुम ही तुम दिखते हो।
कभी मेरी आंखों में गौर से तुम देखना।

तुम्हे पाने के लिए किसी
सिफारिश की जरूरत नहीं है मुझे
ना चांद की सिफारिश चाहिए।
ना गर्दिश में चमकते सितारों की।

मेरी सरमों हया
ये झुकती नजरे ही काफ़ी है।
तुम्हे पाने के लिए।

मैं कितना बैचेन बैचेन सा रहता हूं।
कभी आकर तुम हाल मेरा पूछना।

रख छोड़ दो तुम सारी बैचेन धड़कने
मेरी हथेली पर, लो ले जाओ मूझसे
इश्क खूब, वो ढेर सारी मौसम खुशियों का।

कितनी अन्दर हलचल मची हुई है।
कितना दिल सौर करता हैं मेरा।
कभी तुम मुझ को बिन बताएं।
मेरे गले से लगकर तो देखना।

मुझे तुम्हारे जिस्म की ख्वाइश नहीं।
कभी मेरी ख्वाइश बन के तो देखना।

इस बेहया जमाने में भी
नजरों को चूमने वालो में से हूं।
कभी तुम मेरी आंखों को पढ़ के देखना।

कितने ख़्वाब ,अहसास , तुम्हारे लिए
मैं लिए फिरता हूं।
कभी फुर्सत के लम्हों में मेरी कही गई
बातों को तो जरा गौर से सोचना।

मैने जो कहा वो सब निश्छल भाव हैं मेरे।
कभी फुरसत मिल तो जरा।
जरा ही सही मुझे समझने की कोशिश।
तो ज़रा ज़रा समझने की कोशिश करना।

लाज सरमो हया बहुत हैं मूझ में।
तुम्हारी हलकी सी छुअन भी घायल कर देगी।
कभी मुझको तुम छू के तो देखना।

सरमों हया होगी लबों पर मेरे।
मेरे रोंगटे जरुर खड़े होंगे तुम देखना।

मैं मिलूं जो जिस दिन तुमसे।
मेरे हाथो में हाथ लिए तुम।
मेरी नब्ज पकड़ के देखना।
मैं कितना तुम्हारे लिए बैचेन तन्हा तड़पा हूं।
मेरे बहती रगो के उबाल से पूछना।

जब भी मैं तुमसे मिलूं ना
तो बस तुमको मै देखते ही
देखते रहना चाहता हूं।
बाते करते करते मैं
तुम्हारी जुल्फों की खुश्बू में
कहीं खो जाना चाहता हूं।
अपने हाथों से तुम्हारी
इन महकती जुल्फों को
अपने हाथों से मै सवारू।
संग तुम्हारे शैतानिया कुछ
नदानिया अपनी करूं।
कुछ मीठी सरारते लिए मैं
तुम्हारी आंखों में देखता रहूं।

तुम्हारी नज़रों को तुम्हारे सर को
बिन तुम्हारी इजाजत के
प्यार से चूम लूं।
यू प्यार से मै होले से करीब
तुम्हारे होकर मैं।
तुम्हारे सर पर प्यार से
अपना हाथ फेरू।

तुम जो मुझसे की तुम
कितना प्यार करते हो।
मैं लब्जो में बया भी ना कर पाऊं।

हम तुम पर कितना मरते हैं।
किसी दिन दीदार ना हुए तो
मर ही जायेंगे जीते जी।
हम तुम पर इतना मरते हैं।

दूर तुमसे होने के ख्याल
भर से मेरा दिल बैठ सा जाता हैं।

जो मजा सुकून तुम्हे
देखते रहने में मिलता है।
वो मजा सुकून और किसी
चीज में और कहां।

तू जो हस भी देती हैं तो
दिन क्या खुब बन जाता हैं।
हवाओ में उड़ता हु
बनके पतंग सा
अगर तू खुश होती है तो।
मुस्कुरा मुस्कुराता हुआ
दिन गुजर जाता हैं।

इस दिल को आराम सा मिलता है
जो तुमसे दो बाते सुकून से हो जाती हैं तो।
इन गरम सुलगती सांसों को भी।
ठंडक सी महसूस होती हैं।

मैं फिर कहूंगा तुमसे एक बार
मुझे चाहत नहीं है तुम्हारे हुसन की।
मुझे हमेशा तमन्ना रही हैं तो
हमेशा बस तुम्हारे इश्क की ही।

LOVE U ZINDGI

© KRISHAN ☑️