आँखों में उम्मीद लिए
निकल पड़ा नन्हा दिल आँखों में उम्मीद लिए,अच्छे कल का इंतज़ार है,
भले ख़ारज़ार राहें है, पर मंज़िल को पाने की चाह में ये दिल बेकरार है !!
बहुत रूला चुकी ज़िंदगी देखो, पर हसरतों का उलछना अब भी जारी है,
ग़ैर तो ग़ैर ही है, अपनों से भी उम्मीद लगाना यहाँ अब लग रहा बेकार है !!
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भले ख़ारज़ार राहें है, पर मंज़िल को पाने की चाह में ये दिल बेकरार है !!
बहुत रूला चुकी ज़िंदगी देखो, पर हसरतों का उलछना अब भी जारी है,
ग़ैर तो ग़ैर ही है, अपनों से भी उम्मीद लगाना यहाँ अब लग रहा बेकार है !!
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