आज का इतिहास
निगम
श्मशान घाट खुला है
धार्मिक संस्थाएँ
फाँसी का तख्ता बनाया गया
सत्ता की सरकारें
फूल बरसाए गए
मार्गहीन
चलती फिरती लाशें
चुपचाप रेंगता रहा
मयान पहुँचे
छल को जाने बिना
राख से ढका हुआ
लोमड़ी भी चिल्लाई
आत्माओं के साथ
हर दिशा में भटक रहा है
पुनः उठो
बच्चों की
करुणामय
यह अप्रत्याशित है
मेरी इच्छा
© MASILAMANI(Mass)(yamee)
श्मशान घाट खुला है
धार्मिक संस्थाएँ
फाँसी का तख्ता बनाया गया
सत्ता की सरकारें
फूल बरसाए गए
मार्गहीन
चलती फिरती लाशें
चुपचाप रेंगता रहा
मयान पहुँचे
छल को जाने बिना
राख से ढका हुआ
लोमड़ी भी चिल्लाई
आत्माओं के साथ
हर दिशा में भटक रहा है
पुनः उठो
बच्चों की
करुणामय
यह अप्रत्याशित है
मेरी इच्छा
© MASILAMANI(Mass)(yamee)