...

5 views

कसर जितनी हैं बता दे,ऐ जिंदगी, तुझे सुलझाने के लिए.
मब्सूत हो दरिया- ए- पानी
चाहे जितना,
काबील-ए -तरजीह नहीं
प्यास पानी कीं बुझाने के लिए,
न जाने कैसी ख़्वाहिश में
उलझती ही जा रही
कसर जितनी हैं बता दे,ऐ जिंदगी,
तुझे सुलझाने के लिए.

© 🖋️दिलं-ए-जज्बात