मयखाने
#मयखाने
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे
मुझसे खफा सारे पैमाने है।
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझे पर व्यंग्य करते मेरे अफसाने है।
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मयखाने के साखी मुझसे हुए बेगाने हैं।
© पूर्णिमा मंडल अनकहे एहसास
© पूर्णिमा मंडल अनकहे एहसास
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे
मुझसे खफा सारे पैमाने है।
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझे पर व्यंग्य करते मेरे अफसाने है।
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मयखाने के साखी मुझसे हुए बेगाने हैं।
© पूर्णिमा मंडल अनकहे एहसास
© पूर्णिमा मंडल अनकहे एहसास