...

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पाॅप🐕
मां से बिछड़ कर वो नादान दिन रात रोता है
वो पाॅप जंजीरों में बंध कर बेसुध सा रोता है
भूख प्यास छोड़कर जी जान से चिल्लाता है
पास जो आ जाए कोई झट उसपे चढ़ जाता है

कुछ वक्त बाद धीरे धीरे वो सबसे घुल मिल जाता है
दूध और दूध से बने पदार्थ चाव से वो खाता है
जाड़े की धूप में मस्त मगन वो आनंदित हो जाता है
भौं भौं करके वो सबसे अपने मन की बातें बताता है

रात के अंधेरे में वो घर द्वार की रखवाली करता है
अपने नन्हे नन्हे पांव से चारों ओर दौड़ लगाता है
सबकी प्यार व नफ़रत भरी भावनाएं खूब समझता है
मालिक के प्रति मरते दम तक वफादारी वो निभाता है।।
Ruchi Arun...✍️✍️