...

6 views

#शायर
#शायर
ये जो गलियों के चक्कर लगाते फिर रहे है
लगता है, ये इश्क़ के मरीज नये है
कोई बता दो इन्हे ये रास्ते आगे ढल रहे है
कई रकीब जन्नत के खयालों से भी वापस फिर रहे है।

मौसम पतझड़ का है पेड़ों से पत्ते गिर रहे है
कई सनम की यादों मे तड़प कर मर रहे है
दे कर नंबर उन्हे कॉल का वेट कर रहे है
सुना, है वो आजकल किसी और को डटे कर रहे है।

अब इन्हे ये सरासर धोखा लगेगा
पहली बार मय पीने का मौका लगेगा
कुछ यार तो समझदार है सम्भल जाएंगे
कुछ मेरे जैसे पागल शायर बन जाएंगे।।

© Nitish Nagar