प्रेम
प्रेम अगर सिर्फ आध्यात्मिक होता
तो खुदा
सबको एक जैसा ही बनाता
मर्द और औरत अलग-अलग ना होते
वह एक दूसरे के पूरक ना होते
एक दूसरे को एक दूसरे की जरूरत ना होती आगे वंश बढ़ाने की बेल
ईश्वर उनके हाथों में ना देता।।
प्रेम की पराकाष्ठा शरीर पर आके...
तो खुदा
सबको एक जैसा ही बनाता
मर्द और औरत अलग-अलग ना होते
वह एक दूसरे के पूरक ना होते
एक दूसरे को एक दूसरे की जरूरत ना होती आगे वंश बढ़ाने की बेल
ईश्वर उनके हाथों में ना देता।।
प्रेम की पराकाष्ठा शरीर पर आके...