तूफान
#घरवापसी
प्रेम का रोग ऐसा लगा
न दिन दिखे ना रात
ना सुबह दिखे ना शाम
खोई हूं सपनो की दुनिया में कही
खुद की सूद बुध भी न रही
अब कहां मुझे किसी की पड़ी
ना अब भूख लगे है ना प्यास
ना जात दिखे ना पात
ना दिल दिखे ना दिमाग
मां की डांट अब कानों...
प्रेम का रोग ऐसा लगा
न दिन दिखे ना रात
ना सुबह दिखे ना शाम
खोई हूं सपनो की दुनिया में कही
खुद की सूद बुध भी न रही
अब कहां मुझे किसी की पड़ी
ना अब भूख लगे है ना प्यास
ना जात दिखे ना पात
ना दिल दिखे ना दिमाग
मां की डांट अब कानों...