गुनाहगार
चंद जिम्मेदारी से जब जुड़े जिंदगी
प्रश्न था कुछ मासुमो के जीवन संवारने का,
बहुत ही गंभीर विषय था
समझे ही नहीं गवां दिया।
बहुत शौक से चुने थे इस पद को
सोचे थे राष्ट्र निर्माण का भागेदारी बनूं,
पर न दृष्टिगत हुए वे अपने
बस...
प्रश्न था कुछ मासुमो के जीवन संवारने का,
बहुत ही गंभीर विषय था
समझे ही नहीं गवां दिया।
बहुत शौक से चुने थे इस पद को
सोचे थे राष्ट्र निर्माण का भागेदारी बनूं,
पर न दृष्टिगत हुए वे अपने
बस...