बोझ
जख्म तो है पर छुपे हुए है.... दर्द तो है पर आँसू रुके हुए है.....
मुस्कान तो है पर नकली है
बाकी सब असली है....
कोशिश तो है जीने है मरते भी हर रोज है
बहुत कुछ है अंदर अभी मन में बहुत बोझ है....
कहे तो कोई सुनता नहीं...... रोके तो कोई रुकता नहीं.... दर्दनाक है ये बाते समझो तो......
दिखने में कई चीज गुलाब सी है लोगो को सिर्फ कोमल हिस्सा दीखता है.. कांटे नहीं...
© VISHAKHA
मुस्कान तो है पर नकली है
बाकी सब असली है....
कोशिश तो है जीने है मरते भी हर रोज है
बहुत कुछ है अंदर अभी मन में बहुत बोझ है....
कहे तो कोई सुनता नहीं...... रोके तो कोई रुकता नहीं.... दर्दनाक है ये बाते समझो तो......
दिखने में कई चीज गुलाब सी है लोगो को सिर्फ कोमल हिस्सा दीखता है.. कांटे नहीं...
© VISHAKHA