दुआ दिन रात करती हूं
दुआ दिन रात मैं ये भगवान करती हूं
रखना सलामत उनको ये फरियाद करती हूं
चले थे साथ जिन रास्तों पे उन्हें मैं याद करती हूं
तुम्हारी यादों से ही दिल को मैं आबाद करती हूं
जुबां से कम ही कहती हुं मैं आखों से बात करती हूं
जो समझो तो चले आना मैं इंतजार करती हूं
उनकी मोहोब्बत से मैं अक्सर नाशाद रहती हूं
बड़े अनजान बनते है जब मैं बात करती हूं
#shubh
© shubhra pandey
रखना सलामत उनको ये फरियाद करती हूं
चले थे साथ जिन रास्तों पे उन्हें मैं याद करती हूं
तुम्हारी यादों से ही दिल को मैं आबाद करती हूं
जुबां से कम ही कहती हुं मैं आखों से बात करती हूं
जो समझो तो चले आना मैं इंतजार करती हूं
उनकी मोहोब्बत से मैं अक्सर नाशाद रहती हूं
बड़े अनजान बनते है जब मैं बात करती हूं
#shubh
© shubhra pandey