इस शहर का उज्जाला
आवादी इतनी है के कोई केसे खो जाए
ये शहर में कुछ एसा भी सहर हो जाए
हज़ार है चेहरे, हर चेहरों में एक अलग नज़ारा
ये शहर में क्या पता किसे,
जो आज अपना, वो कल कीसी और का...
ये शहर में कुछ एसा भी सहर हो जाए
हज़ार है चेहरे, हर चेहरों में एक अलग नज़ारा
ये शहर में क्या पता किसे,
जो आज अपना, वो कल कीसी और का...