...

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dil ki farmayish
आज न जाने क्यों ये दिल
उन निगाहों का सहारा ढूंढ रहा है
जो कभी उसे नसीब न हुए

फक़त ये मुस्कान भी
लबों पे जम सी गई है
नम आंखों को थोड़ा
रोने का सहारा मिल गया है

कहा तो...