बहती रहे प्रेम की धार, ऐसा हो दिवाली का त्यौहार
सजाओ आंगन आई दिवाली
त्योहार दीपों का लाई दिवाली
नष्ट होकर द्वेष विकार
खुशियां आए सबके द्वार
बहती रहे प्रेम की धार
ऐसा हो दिवाली का त्यौहार
मिट दुराचार का डेरा
ना हो छल कपट का फेरा
भेदभाव की टूटे दीवार
रहे आचरण में सदाचार
बहती रहे प्रेम की धार
ऐसा हो दिवालीका त्यौहार
...
त्योहार दीपों का लाई दिवाली
नष्ट होकर द्वेष विकार
खुशियां आए सबके द्वार
बहती रहे प्रेम की धार
ऐसा हो दिवाली का त्यौहार
मिट दुराचार का डेरा
ना हो छल कपट का फेरा
भेदभाव की टूटे दीवार
रहे आचरण में सदाचार
बहती रहे प्रेम की धार
ऐसा हो दिवालीका त्यौहार
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