Meri Kalpana
मै चिटका काले बादल सा
तू उनमें से आती धूप है,
न है कोई अस्तित्व तेरा
न तेरा कोई रूप है ,
है तेरे बिना सब अपूर्ण यहां
तेरे होने से सब पूर्ण है,
न होते हुए भी कुछ
तू एक तरह का संपूर्ण है ,
न है कोई अस्तित्व तेरा
न तेरा कोई रूप है ,
मै चिटका काले बादल सा
तू उनमें से आती धूप है,
में बेमतलब...
तू उनमें से आती धूप है,
न है कोई अस्तित्व तेरा
न तेरा कोई रूप है ,
है तेरे बिना सब अपूर्ण यहां
तेरे होने से सब पूर्ण है,
न होते हुए भी कुछ
तू एक तरह का संपूर्ण है ,
न है कोई अस्तित्व तेरा
न तेरा कोई रूप है ,
मै चिटका काले बादल सा
तू उनमें से आती धूप है,
में बेमतलब...