...

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Meri Kalpana
मै चिटका काले बादल सा
तू उनमें से आती धूप है,

न है कोई अस्तित्व तेरा
न तेरा कोई रूप है ,

है तेरे बिना सब अपूर्ण यहां
तेरे होने से सब पूर्ण है,

न होते हुए भी कुछ
तू एक तरह का संपूर्ण है ,

न है कोई अस्तित्व तेरा
न तेरा कोई रूप है ,

मै चिटका काले बादल सा
तू उनमें से आती धूप है,

में बेमतलब भटकता सा मन हूं
तू विवेक की मूरत है,

कभी है कठोर व्यवहार तेरा
कभी तू ममता की सूरत है,

है तू बेफिजूल शून्य सा
नही तेरा यहां कोई मूल्य है,

होगी सबके लिए तू फिजूल सी
मगर मेरे लिए तू हमेशा अमूल्य है,

जब जब देखू तुझे आंखे मूंद कर
तुझे तब तब बनना मेरा सपना है,

न जाने क्या क्या कहते है लोग तुम्हे
मगर तू मेरी एक बारेकी से पिरोई कल्पना है

न है कोई अस्तित्व तेरा
न तेरा कोई रूप है ,

मै चिटका काले बादल सा
तू उनमें से आती धूप है....🥺

#when_a_pen_slips
© LuckNawi_NaWabs