थक सी गई है आंखें
थक सी गई है आंखें, नीद भी नहीं आती,
बैचेनी सी है दिल में,आ भी नहीं भरी जाती,
जिस भी राह चलूं, मंजिल नहीं ही नहीं आती,
खत्म हो रहें...
बैचेनी सी है दिल में,आ भी नहीं भरी जाती,
जिस भी राह चलूं, मंजिल नहीं ही नहीं आती,
खत्म हो रहें...