शिकायतें
शिकायतें बहुत होंगी हमसें
जितनी भी है लिख कर भिजवा दो।
बेचैन दिन और तन्हा रातें
मरहम से बंध कर भिजवा दो।
दर्द की हर एक आवाज़ें
शब्दों में...
जितनी भी है लिख कर भिजवा दो।
बेचैन दिन और तन्हा रातें
मरहम से बंध कर भिजवा दो।
दर्द की हर एक आवाज़ें
शब्दों में...