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Ghazal 11: तन्हाईयों को यूँ ही बदनाम किए बैठे हो आप..
तन्हाईयों को यूँ ही बदनाम किए बैठे हो आप
जाने किस बेवफ़ा को दिल दिए बैठे हो आप
इतनी हसीं दुनिया को अपना शत्रु समझ लिया
जाने किस बात का गम सीने लिए बैठे हो आप
आप तो मशहूर थे अपनी बातों के लिए इधर
फिर ऐसा क्या हुआ के होंठ सीए बैठे हो आप
ख़ुदा के घर जाकर क्या कहोगे उनसे सोचा है
के ज़िंदगी के बस चार दिन जिए बैठे हो आप
जब प्यार की प्यास है तो प्यार माँगों न उससे
कैसे बुद्धू हो आप के ज़हर पिए बैठे हो आप
तन्हाईयों को यूँ ही बदनाम किए बैठे हो आप
जाने किस बेवफ़ा को दिल दिए बैठे हो आप
© Pooja Gaur
जाने किस बेवफ़ा को दिल दिए बैठे हो आप
इतनी हसीं दुनिया को अपना शत्रु समझ लिया
जाने किस बात का गम सीने लिए बैठे हो आप
आप तो मशहूर थे अपनी बातों के लिए इधर
फिर ऐसा क्या हुआ के होंठ सीए बैठे हो आप
ख़ुदा के घर जाकर क्या कहोगे उनसे सोचा है
के ज़िंदगी के बस चार दिन जिए बैठे हो आप
जब प्यार की प्यास है तो प्यार माँगों न उससे
कैसे बुद्धू हो आप के ज़हर पिए बैठे हो आप
तन्हाईयों को यूँ ही बदनाम किए बैठे हो आप
जाने किस बेवफ़ा को दिल दिए बैठे हो आप
© Pooja Gaur
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