जब पढ़ोगे
जब पढ़ोगे तुम कहानी
मेरी थोड़ा आंखो में पानी
रखना .......
पहला पन्ना जब पलटोगे
तुम तो ज़रा सावधानी रखना
जब पढ़ोगे तुम मेरे अनकहे
अल्फाज़ धीरे धीरे समझना
उन अल्फाजों में दफ़न तुम
मेरे जज़्बात ..........
दूसरा पन्ना जैसे ही तुम
खोलोगे ये समझ लो
तुम मेरे एक क़दम और
करीब होलोगे ........
तुम जान पाओगे मेरे
ख्यालात, तुम समझ
पाओगे मुझे ......….
हालाकि ये इतना आसान
नही होगा , तुम भटक
जाओगे इन पन्नो की अफरा
तफरी में .......
तुम उलझ जाओगे
जज्बातों की मंडी में
...
मेरी थोड़ा आंखो में पानी
रखना .......
पहला पन्ना जब पलटोगे
तुम तो ज़रा सावधानी रखना
जब पढ़ोगे तुम मेरे अनकहे
अल्फाज़ धीरे धीरे समझना
उन अल्फाजों में दफ़न तुम
मेरे जज़्बात ..........
दूसरा पन्ना जैसे ही तुम
खोलोगे ये समझ लो
तुम मेरे एक क़दम और
करीब होलोगे ........
तुम जान पाओगे मेरे
ख्यालात, तुम समझ
पाओगे मुझे ......….
हालाकि ये इतना आसान
नही होगा , तुम भटक
जाओगे इन पन्नो की अफरा
तफरी में .......
तुम उलझ जाओगे
जज्बातों की मंडी में
...