मेरी मां
खुद को भी ना संभाल पाने वाली
आज पूरा घर संभाल रही है,
हर बात पर बच्चो की तरह जिद करने वाली
खुद के तीन बच्चो को पाल रही है।
कुछ गलत कर दो तो काली बन जाती है,
फिर खुद ही रो रोकर मेरे सिरहाने सो जाती है,
मेरी मां को कहा नीद आती है।
गुस्सा हो जाओ तो मनाने भी नहीं आती है,
मुझे आत्मनिर्भरता सिखाने के लिए कठिन...
आज पूरा घर संभाल रही है,
हर बात पर बच्चो की तरह जिद करने वाली
खुद के तीन बच्चो को पाल रही है।
कुछ गलत कर दो तो काली बन जाती है,
फिर खुद ही रो रोकर मेरे सिरहाने सो जाती है,
मेरी मां को कहा नीद आती है।
गुस्सा हो जाओ तो मनाने भी नहीं आती है,
मुझे आत्मनिर्भरता सिखाने के लिए कठिन...