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आंखों में उतरे तेरे अशरू
तुम्हारी आंखों में मेने गहरा प्यार देखा है
दिल अपने का तेरी नजर में सत्कार देखा है
सुरख होठों से चूम लिया तुमने मेरे अधरो को
दिल की धड़कन में तुमसा दिलदार देखा है।।
तेरी आंखों मैं उतरा कतरा कतरा अशरु
दिल को भीतर से सच्ची कायल कर गया
तेरी इतनी गहरी ललक मेरे प्यार के लिए
तुमसा दिल धड़कन बन घायल कर गया।।
प्यार से जब तुमने मुझे गले से लगाया
तेरा ये अंदाज सच में बहुत पसंद आया
तुम सच मैं बहुत गहरे बसे हो मेरे भीतर में
मेरी आंखों में तेरा ही चेहरा नजर आया।।
आंखों में उतरे तेरे अशरू मेरे गहरे प्यार होंगे
पुष्प के सजदे में मनोज के हर इख्तियार होंगे
काबिल बन जाऊंगा तेरे हर श्रृंगार के लिए
मनोज के भीतर में पुष्प के सदा दीदार होंगे।।
© Manoj Vinod-SuthaR
दिल अपने का तेरी नजर में सत्कार देखा है
सुरख होठों से चूम लिया तुमने मेरे अधरो को
दिल की धड़कन में तुमसा दिलदार देखा है।।
तेरी आंखों मैं उतरा कतरा कतरा अशरु
दिल को भीतर से सच्ची कायल कर गया
तेरी इतनी गहरी ललक मेरे प्यार के लिए
तुमसा दिल धड़कन बन घायल कर गया।।
प्यार से जब तुमने मुझे गले से लगाया
तेरा ये अंदाज सच में बहुत पसंद आया
तुम सच मैं बहुत गहरे बसे हो मेरे भीतर में
मेरी आंखों में तेरा ही चेहरा नजर आया।।
आंखों में उतरे तेरे अशरू मेरे गहरे प्यार होंगे
पुष्प के सजदे में मनोज के हर इख्तियार होंगे
काबिल बन जाऊंगा तेरे हर श्रृंगार के लिए
मनोज के भीतर में पुष्प के सदा दीदार होंगे।।
© Manoj Vinod-SuthaR
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