क्या सुरक्षित ये जहां मेरे लिए होगा!!
बंधे हैं,,अब भी संस्कारों के बेड़ियों में इन बेड़ियों से क्या मिलेगी कभी आजादी मुझे!!
चल सकूं मैं खुद के इरादों...
चल सकूं मैं खुद के इरादों...