बेरूखी (BERUKHI)
ग़ज़ल (बेरुखी)
बेरुखी से यार तेरे मैं पारा पारा हो गया,
आसमां से गिरता एक सितारा हो गया।
तू ने समझा बस इसे एक दिल लगी,
मैं तो समझा जीने का सहारा...
बेरुखी से यार तेरे मैं पारा पारा हो गया,
आसमां से गिरता एक सितारा हो गया।
तू ने समझा बस इसे एक दिल लगी,
मैं तो समझा जीने का सहारा...