...

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तुम बिन
क्या वजह है तुमसे बात नही होती,
इस जीवन मे सुख की बरसात नही होती।
बडी उम्मीदों से हम देखते तुम्हारी ओर,
पर तुम्हारी तो नज़रे इनायत नही होती।

हो जाते है हम मायूस यह देख कर,
तुम्हारे पास हमसे गुफ्तगू की शामें नही होती।
खुशनसीब है वें जिनकी फिक्र में आप सदा होतें,
हम तो भटकते सदा पर तुम्हारा साथ न पाते।

उस दिन की आस में यह जीवन जीवित रहता,
जिस दिन के हर पहर में तुम्हारा मेरा साथ होता।
आ जाओ आ भी जाओ यह दिल हर वक्त कहता,
तुम्हारे बिन इस जीवन मे कोई हर्ष मन मे न रहता।

संजीव बल्लाल ३/५/२०२४© BALLAL S